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Tuesday, July 12, 2016

नचारी ( ०७.०६.२०१५ )
शिव कुमार झा टिल्लू 
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शिव नहि ठगना !
जग लेल क्षीर देल विख अपना 
शिव नहि ठगना !
अपने हिमासनपर नहि पलना
मृगछाला पाथरपर कत' अलना
शिव नहि ठगना !
दानेलेल सदति दृष्टि दान सपना
दयाद्रव्य कणकणमे भाव नपना
शिव नहि ठगना !
शैवक सिनेही शक्तिके' अर्चना
ओंकारक प्राणनाद ॐ वंदना
शिव नहि ठगना !
शंकर साकार नहि अलभ कल्पना
कर्मी जगसेवीके' पुरथि सपना
शिव नहि ठगना !
शिवशक्ति प्रीतिजप नित करू ना
सौभाग्यक मदन द्वारि घर भरु ना
शिव नहि ठगना !

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