ऋतुरानीक आगमन ( सोहर )
शिव कुमार झा टिल्लू
*****************************************
पावसक पहिलुक बुन्न धरामे समाओल हे
ललना हँसिहँसि मिथिलाक माटिकें सरस बनाओल हे !
प्रिय पाहुन रितुरानी कि नैहर आओल हे
ललना स्वागतमे मिथिलानी कि सोहर सुनाओल हे !
अछि मधुमासी ई अदरा रसाल रसाओल हे
ललना सुरभि पनसपर भृंग कि आँखि गराओल हे !
घाटबाट दुलकैत भाट सोहरगीत गाओल हे
ललना खन ठमकैत खन दौगैत मेघ भरमाओल हे !
बिरहिनी देखि नेहबुन्न कि आश लगाओल हे
ललना अचकेमे बुन्नभेल लुप्त कि आर विरहाओल हे !
क्षण गरजल मधुबादरि आश पुराओल हे
ललना फुजल नयन ने कि सोझाँमे प्रेयसकेँ पाओल हे !
शिव कुमार झा टिल्लू
*****************************************
पावसक पहिलुक बुन्न धरामे समाओल हे
ललना हँसिहँसि मिथिलाक माटिकें सरस बनाओल हे !
प्रिय पाहुन रितुरानी कि नैहर आओल हे
ललना स्वागतमे मिथिलानी कि सोहर सुनाओल हे !
अछि मधुमासी ई अदरा रसाल रसाओल हे
ललना सुरभि पनसपर भृंग कि आँखि गराओल हे !
घाटबाट दुलकैत भाट सोहरगीत गाओल हे
ललना खन ठमकैत खन दौगैत मेघ भरमाओल हे !
बिरहिनी देखि नेहबुन्न कि आश लगाओल हे
ललना अचकेमे बुन्नभेल लुप्त कि आर विरहाओल हे !
क्षण गरजल मधुबादरि आश पुराओल हे
ललना फुजल नयन ने कि सोझाँमे प्रेयसकेँ पाओल हे !
No comments:
Post a Comment