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Tuesday, July 12, 2016

झूला ( २३.०६.२०१६ ) @ कॉपीराइट 
शिव कुमार झा टिल्लू 
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अरे रामा सुन्न कदम्बक झुलना डोलत कोना पलना रे रामा !
राधा ठाढ़ि यमुना तीरे दरस आश खसबथि नीरे 
थाकि हारि घुरली राधा आकुल मोन चरण धीरे
अरे रामा हिय झकझोरल सजना कत' वंशीबजना रे रामा !
प्रेम सत्युद्धसँ हारल जएह सूत्र वेअह बारल
जकरा लेल भोगल अपयश सेअह आइ हीया जारल
अरे रामा बिनु दर्शन केँ' घुरली राधा पुनि अंगना रे रामा !
मोन दाबि पड़ली घरमे कृष्ण कृष्ण मुदा अधर मे
दुत्कारै छथि बाहरसँ बसल कृष्ण अंतःघर मे
अरे रामा अर्पण तान सुनाबै दुहू जोड़ कंगना रे रामा !
सपन मे आशा पूरल प्रीति देखि कणकण जु'ड़ल
राधाप्रेम तिरपित हे शिव जग बूझै नाह बूड़ल
अरे रामा सगरो हरिगर्जनसँ कड़कि गेल अलना रे रामा

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