नचारी ( २१.०६.२०१६ )
शिव कुमार झा टिल्लू
******************************
सुनू शिव छथि एना !
मायक आँचर बापक छाहरि जेना !
संततिके ध्यान अंतरक अनमना
अमृत परकंठ विख लेल अपना
सुनू शिव छथि एना !
अपने उपास भक्त अन्नपूर्णा
दानीके अंकलागल आक ढ़ोलना
सुनू शिव छथि एना !
धथूरेसँ तिरपित उमाक रुसना
अपनाले' भस्म जगलेल भूषणा
सुनू शिव छथि एना !
अंतरके' भाव सुर असुर मे ना
समदर्शी बमशंभू " शिव " भोलना
सुनू शिव छथि एना !
दारुणले' अछि ने शिवदर्शन मना
भावक नवआशा गढ़ि देलथि कना
सुनू शिव छथि एना !
शिव कुमार झा टिल्लू
******************************
सुनू शिव छथि एना !
मायक आँचर बापक छाहरि जेना !
संततिके ध्यान अंतरक अनमना
अमृत परकंठ विख लेल अपना
सुनू शिव छथि एना !
अपने उपास भक्त अन्नपूर्णा
दानीके अंकलागल आक ढ़ोलना
सुनू शिव छथि एना !
धथूरेसँ तिरपित उमाक रुसना
अपनाले' भस्म जगलेल भूषणा
सुनू शिव छथि एना !
अंतरके' भाव सुर असुर मे ना
समदर्शी बमशंभू " शिव " भोलना
सुनू शिव छथि एना !
दारुणले' अछि ने शिवदर्शन मना
भावक नवआशा गढ़ि देलथि कना
सुनू शिव छथि एना !
No comments:
Post a Comment