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Tuesday, July 12, 2016

प्रियतम सुनू नव सपनके' बात ! ( गीत )
शिव कुमार झा टिल्लू 
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प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
अचके अहोरातिमे अयलहुँ 
सिहर' लागल गात !
निन्न फुजल पुनि सत्यक दर्शन
वेअह विरहके' वेश
कल्पक सांगह भसकि गेल हे
होयत कखन प्रभात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
अप्पन धरती मधुगन्धा छथि
किए पड़ल दूरदेश
कोरब हिनका सीता भेंटती
हे देखू अहिवात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
प्रेमक नव परिभाषा गढ़बै
आउ चन्नाके' चकोर
भामिनीके' अस्तित्व अलोपित
होथि महेश एकात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात 

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