प्रियतम सुनू नव सपनके' बात ! ( गीत )
शिव कुमार झा टिल्लू
**************************************
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
अचके अहोरातिमे अयलहुँ
सिहर' लागल गात !
निन्न फुजल पुनि सत्यक दर्शन
वेअह विरहके' वेश
कल्पक सांगह भसकि गेल हे
होयत कखन प्रभात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
अप्पन धरती मधुगन्धा छथि
किए पड़ल दूरदेश
कोरब हिनका सीता भेंटती
हे देखू अहिवात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
प्रेमक नव परिभाषा गढ़बै
आउ चन्नाके' चकोर
भामिनीके' अस्तित्व अलोपित
होथि महेश एकात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात
शिव कुमार झा टिल्लू
**************************************
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
अचके अहोरातिमे अयलहुँ
सिहर' लागल गात !
निन्न फुजल पुनि सत्यक दर्शन
वेअह विरहके' वेश
कल्पक सांगह भसकि गेल हे
होयत कखन प्रभात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
अप्पन धरती मधुगन्धा छथि
किए पड़ल दूरदेश
कोरब हिनका सीता भेंटती
हे देखू अहिवात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात !
प्रेमक नव परिभाषा गढ़बै
आउ चन्नाके' चकोर
भामिनीके' अस्तित्व अलोपित
होथि महेश एकात
प्रियतम सुनू नव सपनके' बात
No comments:
Post a Comment