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Tuesday, July 12, 2016

ककर गुमकी ?
शिव कुमार झा टिल्लू 
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गुमकी बढ़ैत गेल
लोक कह' लागल - अन्हेर भेल 
विकासक नवल आयाम
गवेषणक नकारात्मक परिणाम
क' देलक दिन वाम
ग्लोबल वार्मिंग !
ब्रह्माण्डसँ उपटि बनाऊ
दोसर भूमण्डल - रहबाक लेल
द' रहल अछि वार्निंग !
अपन देशक पृथ्वी सम्मेलनमे
भूगोलविदक मुखसँ
ई वैधानिक चेतावनी सुनि हँसल - आर्यकवि
ठामहि कर' लागल -नवल सर्जना
ई थिक परिणाम -
भौतिकताक भरल पूरल कोषसँ
अपवर्तित गरिमाक उत्तापक
किएक त' -
द्रव्य होईछ तापक परममित्र सुचालक
ई ओकरे गरमी थिक !
ओकर रचनापत्र पर नजरि पड़ल
सोच' लगलहुँ
ओ के छल ?
वामपंथी साहित्यकार
समरस अर्थवादी !
भौतिकताक संत्राससँ
पीड़ित गरानिक शिकार !!
वा वर्तमान तन्त्रक प्रचारक -
"निक दिन आबि गेल " - केर पुजारी
के छल नहि बूझि सकलहुँ ?
मुदा क' देलक बाध्य चिंतन करबाक लेल !!

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